शिक्षा हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका उद्देश्य हमें जीवन के लिए तैयार करना है। भारत में हमारे पास सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल दोनों हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे और नुकसान हैं। नीचे हम जानेंगे की सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल में कौन बेहतर है?
सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल में से सरकारी स्कूल बेहतर है क्योंकि यह निःशुल्क शिक्षा प्रदान करता है जिससे हर वर्ग के छात्रों को समान अवसर मिलते हैं। इसके साथ ही सरकारी स्कूल में उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है और शिक्षकों की योग्यता और प्रतिबद्धता को मान्यता दी जाती है। इससे छात्रों का विकास सम्पन्न होता है और वे समाज में सशक्त होते हैं।
नीचे हम जानेंगे की सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूल से क्यों बेहतर है?
प्राइवेट स्कूल
प्राईवेट स्कूल में प्रवेश दिलाने से पहले नीचे लिखी बातों पर विचार करे,
क्रमांक | आयोजन | राशि |
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1 | स्कूल फीस (कक्षा 1-12) प्रति वर्ष | 12000₹* |
2 | बस किराया | 12000₹ |
3 | परीक्षा फीस | 1000₹ |
4 | टाई बेल्ट और अन्य | 1000₹ |
5 | किताबें | 2000₹ |
6 | कॉपी, बुक, पेन | 3000₹ |
7 | टिफिन (20 रूपये/दिन) | 6000₹ |
8 | अन्य | 4000₹ |
कुल खर्च | 41000₹ |
*(कक्षा 12 में 3000 प्रतिमाह)
एक बच्चे का एक वर्ष का ख़र्च 41000 रु. तो KG 1 से 12 तक तक का कुल 14 वर्ष 574000 (5लाख 74 हज़ार रुपए) होता है,
यदि एक परिवार में 2 बच्चे है तो 11 लाख 48 हज़ार होता है फिर भी नौकरी की कोई गारंटी नही,
इसलिए अपनो बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलावें,
सरकारी स्कूल
सरकारी स्कूलों का महत्व अपने आप में अद्वितीय है। ये स्कूल समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लिए शिक्षा का द्वार प्रशस्त करते हैं, जिससे उन्हें समाज में उचित स्थान मिल सके। सरकारी स्कूल शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाते हैं, जिससे हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इन स्कूलों में शुल्क नहीं लिया जाता है या बहुत कम शुल्क होता है, जिससे गरीब परिवारों के बच्चे भी आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा सरकारी स्कूल छात्रों को विभिन्न जाति, धर्म और सामाजिक वर्गों से मिलने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें सामाजिक विविधता का अनुभव होता है। इस प्रकार सरकारी स्कूलों का योगदान हमारे समाज में निरंतर बढ़ता जा रहा है।
सरकारी स्कूल की विशेषताएं…
- किसी प्रकार का शुल्क नहीं होता
- 2 जोड़ी ड्रेस फ्री मिलती हैं
- किताबें फ्री (अब से NCERT)
- दोपहर का भोजन और फल भी फ्री होता है
- जूता-मोजा भी फ्री होती है
- स्वेटर भी फ्री होता है
- बैग भी फ्री होता है
- कुछ स्कूलों में कॉपी भी फ्री होती है
- स्मार्ट और डिजिटल क्लास प्रोजेक्टर के माध्यम से…
- अब अच्छे क्लासरूम और सुविधाएं, फीस के लिए, कोई भी मैसेज, व्हाट्सएप्प कभी नहीं आएगा
- किसी भी प्राइवेट स्कूल से अधिक योग्य, अधिक पढ़े लिखे, B.Ed., TET क्वालीफाइड शिक्षक,
- प्रत्येक स्कूल में खेलकूद सामग्री
- नई शिक्षा नीति के अनुसार बालकेन्द्रीत शिक्षा, पाठ्यक्रम NCERT द्वारा निर्धारित
- प्रत्येक विद्यालय में अच्छा पुस्तकालय
- प्रतिमाह साप्ताहिक अभिभावकों संग एसएमसी बैठक
- रोज अभिभावक भोजनमाता द्वारा स्कूल आकर भोजन चेक करने की व्यवस्था
- बच्चों के शिक्षा के लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की गई है, जिससे गुणवत्ता में सुधार निश्चित है, आदि आदि…
बीएड, टीईटी और सुपर टीईटी पास शिक्षक आज के समय में आ रहे हैं।
पहले भी बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी में जिले के हाई मेरिट लोगों का ही चयन होता था।
सरकारी स्कूल के शिक्षकों में योग्यता और ज्ञान की कोई कमी नहीं है।
आप विश्वास करके अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजिए।
प्राइवेट स्कूल की अपना बिजनेस है और अनावश्यक खर्च से बचें। इन बचे हुए रुपयों की एफ.डी. कर दे या बैंक में जमा करते रहें।
एक बच्चे का 5 लाख 74 हजार रुपए होंगे, 14 साल बाद 20 लाख रुपये से ज्यादा हो जाएँगे। इन रुपयों से कोई अच्छा काम करें।
मेरे विचारों से सहमत हो तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक अभिभावकगण तक भेजे,
याद करिये आप और आपके माता जी-पिता जी इन्ही सरकारी स्कूलों से पढ़कर निकले और आज सफल हैं…,